जैव भूगोल की परिभाषाए
(DEFINITION OF BIOGEOGRAPHY )
जैव भूगोल की परिभाषाए DEFINITION OF BIOGEOGRAPHY समान्यतया जैव भूगोल को एक ऐसा विज्ञान माना जाता जाता है जो पृथ्वी की सतह पर पौधों तथा जंतुओं के भूगोलिक वितरण का अध्ययन करता है (A SCINCE THAT DEAL WITH THE GEOGRAPHICAL DISTRIBUTION OF PLANTS AND ANIMALS.) जैव भूगोल की विभिन्न विद्वानों /भूगोलवेत्ताओं ने निम्न्लिखित परिभाषाएं दी है।
एच. रॉबिंसन (H ROBINSON) के अनुशार , "विस्तृर्त रूप में जैव भूगोल का सम्बन्ध जैव मण्डल की घटनाओं से होता है। अधिक विशिष्ट तथा परम्परागत रूप में जीव भूगोल पौधों तथा जन्तु जीवन के भूगोलिक पक्षों के अध्ययन से सम्बंधित हैं।
मारग्रेट एंडरसन (MARGARET ANDERSON) ने अपनी पुस्तक GEOGRAPHY OF LIVING THINGSजीव भूगोल में पर्यावरण केजैविक पक्ष(ANIMMATE SIDE) का अध्ययन करते हुए अपना ध्यान मानव पर केंद्रित किया। उन्होंने जीव भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा की जैव भूगोल जंतुओं के रूप में समझे गए मानवों के जैविक संबंधों तथा उसके समस्त जैविक तथा अजैविक भौतिक पर्यावरण के ाद्यान का सर होता हैं।
एंडरसन ने मानव तथा उसके भौतिक पर्यावरण के माध्य स्थापित जैविक जुड़ाव का अध्ययन किया साथ ही उन जैविक प्रभावों के अध्ययन पर बल दिया जो मानव को सतत रूप से अच्छे या बुरे रूप में प्रभावित करते है।
डॉ. मरिओन (DR. MARION NEWBIGIN ) ब्रिटेन की प्रथम जैव भूगोलवेत्ता थी। उनके द्वारा लिखित पुस्तक 'PLANT AND ANIMAL GEOGRAPHY 'सन 1936 में उनकी मृत्यु के बाद प्रकाशित जीव भूगोल की एक प्रामाणिक पुस्तक थी। न्युबिगिन के अनुसार, जैव भूगोल जीव मंडल के जैविक तत्वों के वितरण एवं उनके पर्यावण के मध्य स्थापित परिवर्तनशील सम्बन्धो का अध्ययन हैं।
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